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विश्वास

कहते है सच्चे रिश्ते और सच्ची दोस्ती यूं ही नही पनपती उसमे धैर्य व् विश्वास होना ज़रूरी होता है! विश्वास उन्ही लोगो पर करना चाहिये जो विश्वास करने लायक हो, वरना विश्वास टूटने पर सारे संबंध भी शीशे की तरह टूट जाते है !! अकसर हम विश्वास उन लोगो पर करते है जिनसे हम सबसे ज्यादा बातें करते है, जो लोग हमारे बारें मे बहुत कुछ जानते है, जो हमे समझ सकते है, पर जब ऐसे लोगो से विश्वास टूटता है तो डर लगता है फिर किसी पर विश्वास कर पाना,  डर लगता है फिर से किसी को दोस्त बना पाना !! 😊 अगर कोई आप पर ऑख बंद करके सबसे ज्यादा विश्वास करता है तो उसका विश्वास तोड़कर उसे यह महसूस मत कराना की वो अंधा है! 😊 विश्वास होने के लिए एक छोटा शब्द है जिसे 1 सेकंड मे पढा जा सकता है,, लेकिन इसे साबित करने मे पूरी जिंदगी लग जाती है!! 😊

Positive and negative 😊

एक सवाल जो मुझसे कई बार पूछा गया... कि पॉजिटिव व् नेगिटिव बात क्या होती है ये पता कैसे चलता है कौन सी बात पॉजिटिव है और कौन सी नेगिटिव ???? जिसका ज़वाब कुछ ऐसा है -पॉजिटिव वो बातें होती है जो हमे सुनने मे सही लगती है और जो हमे जल्दी समझ आती है और नेगिटिव वो जो हमे सुनने मे सही नही लगती और जो हमारे अनुसार गलत होती है! कुल मिलाकर पॉजिटिव और नेगिटिव बात का पता सारे  लोग अपने -अपने अनुसार लगाते है! वास्तव मे ऐसा नही है कि जैसा हम सोचे वो सही हो क्योकि जब दस लोगो के सामने  कोई हमारे कडवें सच बोलता है तो अकसर वो बाते हम सुनना पसंद नही करते क्योकि वो बाते हमारे अनुसार नही होती उस समय ऐसी बाते हमे नेगिटिव ही लगती है, वो बातें सच होती है लेकिन लगती नेगिटीव है!! प्रायः नेगिटिव बातों मे ही बहुत सच छुपा रहता है! सब हम पर निर्भर करता है यदि हममे सच पहचानने की क्षमता है तो हम नेगिटिव बातों मे भी पॉजिटिव अर्थ निकाल सकते है! 😊 😊