जिंदगी में उतार-चढाव

देखा जाए तो जिंदगी का हर एक लम्हा हमें हमेंशा एक न एक महत्वपूर्ण बात सीखता है ।
जब जिंदगी में जब उतार-चढाव आता है तो अकसर आधे लोग खुद को हारा हुआ मान लेते हैं और अपनी क्षमताओ पर और खुद पर सन्देह करते है ।
अगर आप एक बार हार भी गए तो इसका मतलब ये तो नहीं कि अब कभी जीत हो ही नहीं सकती ।
सच कहूँ तो कई बार जिंदगी में हार भी जरुरी है ताकि हमें ये तो पता चले कि हमें खुद के लिए कौन-कौन सी गलतफहमियां हैं जिससे आगे जीत सुनिश्चित हो सकें ।
उतार-चढाव तो जिंदगी का एक साथी है जो हमेंशा हमारे साथ चलता रहता है इसीलिए न तो कभी जीतने पर खुद को अपराजेय समझे और न हारने पर अपनी क्षमता पर सन्देह करें ।

"अपनी क्षमताओ को पहचाने और हार मत मानिए"।।

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