बचपन
बोलते थे झूठ फिर भी सच्चे थे हम, ये उन दिनों की बात है जनाब जब बच्चे थे हम!
न जाने कितनो की गोद मे खेला और न जाने किस-किस से मिले थे हम,
बिना बात के रोया करते थे, कोई जब खिलोना दे दें तो अपने आप खुश हो जाते थे हम !!
जब रोते थे तो न जाने कितनो की बचकानी (बच्चो वाली हरकत) हरकतो से चुप होते थे हम,
कोई हमारे लिए घोडा बनता तो कोई उम्र मे हमसे भी छोटा बन जाता था!
न कुछ पाने की आशा थी और न कुछ खोने का गम था बस अपनी ही धुन मे हंसते-रोते थे हम!!
याद है आज भी वो बचपन की अमीरी जब बारिश के पानी मे हमारे भी जहाज(नाव) चला करते थे!
जहां चाहा वहां रोते थे, जहां चाहा वहां हंसते थे हम, अब मुस्कुराने के लिए तमीज चाहिये और रोने के लिए एकांत!
बचपन मे पता नही कितने दोस्त बनाए, कितनो के साथ खेला सब याद तो नही पर बहुत मजेदार थे वो दिन!
हम दोस्तों के पास घडी नही थी पर हर किसी के पास समय हुआ करता था, आज सभी के पास घडी है पर समय किसी के पास नही!!
अब तो बस फोटो मे ही दिखते है हम!
न जाने कितनो की गोद मे खेला और न जाने किस-किस से मिले थे हम,
बिना बात के रोया करते थे, कोई जब खिलोना दे दें तो अपने आप खुश हो जाते थे हम !!
जब रोते थे तो न जाने कितनो की बचकानी (बच्चो वाली हरकत) हरकतो से चुप होते थे हम,
कोई हमारे लिए घोडा बनता तो कोई उम्र मे हमसे भी छोटा बन जाता था!
न कुछ पाने की आशा थी और न कुछ खोने का गम था बस अपनी ही धुन मे हंसते-रोते थे हम!!
याद है आज भी वो बचपन की अमीरी जब बारिश के पानी मे हमारे भी जहाज(नाव) चला करते थे!
जहां चाहा वहां रोते थे, जहां चाहा वहां हंसते थे हम, अब मुस्कुराने के लिए तमीज चाहिये और रोने के लिए एकांत!
बचपन मे पता नही कितने दोस्त बनाए, कितनो के साथ खेला सब याद तो नही पर बहुत मजेदार थे वो दिन!
हम दोस्तों के पास घडी नही थी पर हर किसी के पास समय हुआ करता था, आज सभी के पास घडी है पर समय किसी के पास नही!!
अब तो बस फोटो मे ही दिखते है हम!
Nice one...
ReplyDeleteAmazing :-)
ReplyDeleteThnq mam
ReplyDeleteThnq deepak sir😊😊😊
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