ईमानदारी

बचपन से एक शब्द बहुत सुना ईमानदारी!
आखिर ये होती क्या है??? इसका ज़वाब खोजना बड़ा मुश्किल था!
धीरे-धीरे जब दूनिया को जाना तो पता चला यहां लोग बेईमानी मे ज्यादा और ईमानदारी मे कम जीते है! 
चाहे रिश्ते मे देखो, चाहे दोस्ती मे देखो या चाहे प्यार मे देखो हर जगह ज्यादा बेईमानी ही दिखती है!
लेकिन इन सब के बाद भी कुछ लोग ऎसे है जिनकी वजह से ईमानदारी आज भी कही न कहीं जीवित है!!
हाल ही की एक सच्ची घटना जहां ट्रैफिक की वजह से बसे रुकी थी एक बस से एक यात्री ने सडक किनारे खडे पानी बेचने वाले बच्चे से पानी की बोतल ली जिसके उसने 50 रू दिए पर बचे हुए 30 रू लेने से पहले बस चल पड़ी! वो बच्चा अपनी बाकी पानी की बोतल छोड के बस के पीछे क़रीब 1km तक भागा वो भी केवल 30 रू वापिस करने के लिए!!!
मतलब एक 12 साल का बच्चा अपने धन्धे की परवाह किए बिना यात्री के 30 रू वापिस करने 1km भागता है! इससे बड़ी ईमानदारी का जवाब शायद ही कुछ हो सकता था! 

इसी तरह दोस्ती मे भी कुछ दोस्त ऎसे होते है जिनकी ईमानदारी दोस्ती शब्द को और भी ऊंचा कर देती है!
हर परिस्थितियों मे एक-दूसरे दोस्तों के साथ रहना, चाहे कितने भी दूर क्यो न हों, चाहे कितना भी अपना बुरा वक्त क्यो न चल रहा हो वो हमेशा अपने दोस्तों के लिए समय निकालते है!
होने के लिए हर साल इंसान मे बदलाव आते है लेकिन वो फिर भी अपने दोस्तों के लिए कभी नही बदलते!
ऎसे दोस्तों की कुछ ऐसी बातें दोस्ती के रिश्ते मे उनकी ईमानदारी दर्शाती हैं! 

बेईमानी का सुख बस कुछ सालो तक ही इंसान को खुश रखता है लेकिन ईमानदारी का सुख पूरी जिंदगी इंसान को खुश रखता है!
ईमानदार व्यक्ति शुरुआत मे भले ही ड्गमगाता है लेकिन यह भी सच है आखिरी तक वो ही टिक पाता है! 

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