प्रायः हम कडवी दवा को चबाते नही सीधा गटक लेते है
ठीक इसीप्रकार जीवन में भी अपमान,असफलता और धोखे जैसी कडवी बातो को सीधे गटक लेना चाहिए क्योकी उन्हें चबाते रहेंगे यानी याद करते रहेंगे तो जीवन कडवा ही होगा !😊
होने के लिए हर इंसान मे हर साल, हर, महिने, हर दिन, हर सेकेंड कुछ-न-कुछ बदलाव आता है! इंसान अपनी प्राथमिकताओ के कारण समय-समय पर बदलता रहता है! वो आज क्या है, किन लोगो के साथ है ये सब 2-3 महिने मे भूल जाता है क्योकी इंसान की प्राथमिकताएँ वक्त के साथ बदलती रहती है वो अपनो के लिए भी प्राथमिकताओ की वजह से बदलता रहता है! क्या हर साल, हर, महिने, हर दिन, हर सेकेंड हमे अपनी प्राथमिकताओ की वजह से खुद को औरों के लिए बदलना चाहिये??? नही!!! क्योकी हर एक दिन नया होता है, हर दिन कुछ-न-कुछ बदलेगा ही! लेकिन कुछ चीजे नही बदलती जैसे सूरज.... वो रोज की तरह हर सुबह उसी तेज के साथ उसी आकार मे पूरी दूनिया को प्रकाशित करता है वो कभी हमारे लिए नही बदलता! क्या उसकी प्राथमिकताएँ नही हो सकती?? प्राथमिकताएँ हर किसी की होती है उनके लिए हम खुद के लिए थोडा बदल सकते है लेकिन औरों के लिए नही! बदलाव इंसान मे ज़रूरी है क्योकी कभी -कभी परिस्थितियां ऐसी हो जाती है जहां इंसान को खुद को बदलना ही पड़ता है! लेकिन इंसान को कभी भी अपने आ...
यूं तो हमेशा खुश कोई रह नही सकता, पर क्या हमेशा चिन्तित रहना सही है?? बिलकुल नही!!! हम छोटी-छोटी बात पर खुद को कोसते है, हमेशा जिंदगी से तरह-तरह के प्रश्न करते रहते है -ऐसा नही हुआ तो...
बोलते थे झूठ फिर भी सच्चे थे हम, ये उन दिनों की बात है जनाब जब बच्चे थे हम! न जाने कितनो की गोद मे खेला और न जाने किस-किस से मिले थे हम, बिना बात के रोया करते थे, कोई जब खिलोना दे दें तो अपने आप खुश हो जाते थे हम !! जब रोते थे तो न जाने कितनो की बचकानी (बच्चो वाली हरकत) हरकतो से चुप होते थे हम, कोई हमारे लिए घोडा बनता तो कोई उम्र मे हमसे भी छोटा बन जाता था! न कुछ पाने की आशा थी और न कुछ खोने का गम था बस अपनी ही धुन मे हंसते-रोते थे हम!! याद है आज भी वो बचपन की अमीरी जब बारिश के पानी मे हमारे भी जहाज(नाव) चला करते थे! जहां चाहा वहां रोते थे, जहां चाहा वहां हंसते थे हम, अब मुस्कुराने के लिए तमीज चाहिये और रोने के लिए एकांत! बचपन मे पता नही कितने दोस्त बनाए , कितनो के साथ खेला सब याद तो नही पर बहुत मजेदार थे वो दिन! हम दोस्तों के पास घडी नही थी पर हर किसी के पास समय हुआ करता था, आज सभी के पास घडी है पर समय किसी के पास नही!! अब तो बस फोटो मे ही दिखते है हम!
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