"दो पहलू"

सिक्के के दो पहलू होते है चित और पट (head&trail ) जो सब जानते है उसी तरह हर खेल मे भी हार जीत और रात के बाद सुबह होती है ये भी सब जानते है इसी तरह जिंदगी के भी दो पहलू होते है जिसे बहुत कम ही लोग जानते है! जब सब कुछ सही चलता है तो हम किसी और की नही सोचते आखिर क्यो सोचे हमारी जिंदगी तो बढिय़ा ही है पर जब बुरा समय आता है तो हम लोगो के पास जाते हैं रोते है मदद के लिये वो भी उनके पास जिनके बारे मे हमने अपने सही समय मे सोचा ही नही और ऐसे मे वो व्याक्ति भी हमारी मदद नही करते , इसीलिये अगर दोनो परिस्थितियों मे खुश रहना है तो जिंदगी को बांधना सीख लो जिससे दोनो परिस्थितियों मे  हमारे अंदर कुछ करने का जज्बा हो! 😊

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