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Showing posts from 2017

अपनी खुद की दुनियां

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काफी लोगो को जिंदगी से यह शिकायत रहती है कि कोई उनसे बात नही करता, कोई उनसे उनके बारें मे नही पूछता बस इन्ही बातों का दुख मना कर वो खुद को हमेशा अकेला समझते हैं । सही मायने में देखा जाए तो जिंदगी कभी किसी के सहारे पर नही चलती यदि आप अपने काम में, अपनी खुद की दुनियां में व्यस्त रहोगे तो कभी खुद को अकेलेपन में कभी महसूस नही करोगे ।। जिंदगी में अपनी खुद एक दुनियां बनाओ जिसमें सुबह से शाम तक आप वो काम करो जो आप को पसंद हो, जिसमें आपको हमेशा मजा आता हो, जिसमें आपको हमेशा कुछ न कुछ सीखने को मिलता हो,जिंदगी में हमेशा अपनी आत्मशान्ति के लिए आगे बढो  और देखना आप कभी खुद को अकेला महसूस नही करोगे ।।

जिंदगी और मुश्किलें

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देखा जाए तो जिंदगी और मुश्किलों में आपस में कुछ अटूट संबंध है । मुश्किलें हर कदम पर जिंदगी को चुनौती देती रहती है ।। यदि कोई काम बिना मुश्किल के हो जाए तो ऐसा प्रतीत होता है जैसे कोई चमत्कार हुआ हो हम सामान्य जिंदगी की बात करे तो सुबह से शाम तक जिंदगी में मुश्किलें ही मुश्किलें नज़र आती है -घर में सुबह पानी न आए तो मुश्किल, काम के लिए देर हो जाएं तो मुश्किल,मालिक को काम पसंद न आए तो मुश्किल , घर में कुछ परेशानीयां हो जाएं तो मुश्किल , यही अगर विद्यार्थी जीवन की बात करें तो - सुबह देर से क्लास गए तो मुश्किल, प्रोजेक्ट समय से न हो तो मुश्किल, रात को पड़ते वक्त लाइट चले जाए तो मुश्किल।। जिंदगी कुछ ऐसी ही छोटी-बड़ी मुश्किलों से रोज गुजरती है सच कहूं तो हमारा हर दिन मुश्किलों से भरा रहता है पर इसका मतलब यह नही की मुश्किलों के देख कर मुश्किलों से हार कर उसकी सजा हम अपनी जिंदगी को दें और कुछ उल्टे कदम उठा लें। हमारी जिंदगी में मुश्किलें दो तरह की होती है -एक जो हमें रुला दें और दूसरी जो हमें लड़ने पर मजबूर कर दें।। मुश्किलों के देख कर रोना, कमजोर पड़ना किसी

प्रेम-एक अनोखी परिभाषा

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" प्रेम "यूं तो यह शब्द खुद में ही एक दुनियाँ है पर अगर मै इस दुनियाँ के छोटे से हिस्से पर नज़र डालूं तो पाता हूं कि प्रेम एक शक्ति है, एक ताक़त है, एक सकारात्मक ऊर्जा है, एक मजबूती है । लेकिन आज नज़र आता है तो केवल मायूसी, अंहकार ,गुस्से, नफरत से भरे लोग ।। किसी एक व्यक्ति या वस्तु की चाहत रखते हैं और चाहत पूरी न होने पर जिंदगी को कोसते है और भगवान से तमाम शिकायतें करते रहते है । अरे प्रेम कोई चाहत नही जिसे पूरी होने से खुशी और अधुरी रहने से मायूसी हो, सच्चा प्रेम तो प्राकृति का संतुलन है, मीरा की भक्ति है, सूर्य का तेज है, चन्द्रमा की शीतलता है, प्रेम मां की ममता है । एक बार बस एक बार ऐसे प्रेम की अनुभूति करके  तो देखो जीवन मे एक ऊर्जा का स्त्रोत पैदा न हो जाए तो कहना।। प्रेम केवल एक व्यक्ति या वस्तु तक ही सीमित नही है । प्रेम तो असीमित है ।। प्रेम करना है तो खुद से करो, सकारात्मक सोच से करो, जिंदगी से करो,अपने लक्ष्य से करो प्राकृति से करो व अपने काम से करो । यदि ऐसे प्रेम की अनुभूति हो जाए तो बड़ी -ब

सामर्थ्य

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बात अगर हम अपनें सामर्थ्य की करें तो अकसर हम मुश्किलों को देख खुद को कुछ करने से रोक लेते है औऱ उस काम को करने की उम्मीद छोड़ देते है । लेकिन यदि एक बीज को देखे तो हम उसे ज़मीन के नीचे दफना देते है, फिर भी उसमे इतना सामर्थ्य होता कि वो अपनी सीमाओं से परे जाकर ज़मीन का सीना चीर अपनी शाखाऍ बनाता है औऱ एक बड़ी उम्मीद लेकर अपने सपनों के आसमान को देखता है ।                         जब एक बीज ज़मीन के नीचे रहकर अपनी सीमाओं के परे बड़ी शाखाऍ बना सकता है तो हम तो फिर भी ज़मीन के ऊपर रहते है हम क्यों नही!!?

अहंकार (Ego)

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यदि हमसे कोई नफरत करे तो हम हमेशा उसके पीट पीछे कुछ न कुछ कहते रहते है, हम उसे गालियाँ देते है,उसके लिए बुरा-भला सोचते है या हम भी उससे नफरत कर लेते है! कोई हमारा थोडा मजाक क्या उड़ा ले, हम उसी पल उससे बदले की भावना रखने लगते हैं, आखिर कैसे हम उसे बेईज्जत करे यह सोचने लगते है!! क्या हुआ अगर कोई तुमसे नफरत करता है! क्या तुम एक प्यारी हंसी के साथ उसकी नफरत को अनदेखा नही कर सकते!! अगर कोई समाज में तुम्हारा मजाक उड़ाता है! तो कुछ कर के दिखाओ ऐसा की तुम्हारी मजाक उड़ाने की लोग सोच भी नही सकते!!                अपने अहंकार (ego) के कारण बदले की भावना मे जीना छोड दो, न जाने कब ये हमारी इंसानियत को खोखला कर देगी! 

जिंदगी की शिकायतें

यूं तो हमेशा खुश कोई रह नही सकता, पर क्या हमेशा चिन्तित रहना सही है?? बिलकुल नही!!! हम छोटी-छोटी बात पर खुद को कोसते है, हमेशा जिंदगी से तरह-तरह के प्रश्न करते रहते है -ऐसा नही हुआ तो ऐसा कैसे होगा?, उसने मेरे लिए ऐसा कहा उसने मेरे लिए ऐसा किया, वो एक समय ऐसा था आज हमे पूछता तक नही, वो और हम एक समय बढिया दोस्त हुआ करते थे लेकिन काम निकला तो अब हाय -हेलो भी नही करता! कुछ ऐसे सवाल कुछ ऐसी छोटी -छोटी शिकायतें ही इंसान को नकारात्मक सोचने मे मजबूर कर देते है! अगर ऐसे ही जिंदगी से शिकायत करते रह गए तो एक दिन शिकायतें सुन - सुन कर जिंदगी भी अपने पद पर से इस्तिफा दे देगी! क्यो नही कर लेते ऐसा जिसके बाद ये न सोचना पड़े की अब कैसा होगा, अरे क्यो नही करते कुछ खास जिसके बाद तुमसे कुछ पूछने के लिए लोगो को लाइन लगानी पड़े! करने दो जिसको जैसा करना है तुम्हारे साथ, तुम क्यो याद करते हो ऐसे दोस्तों को जो बस कुछ समय निकालने के लिए , अपना काम निकालने के लिए तुमसे सम्पर्क मे रहते है! दिखा दो सबको की तुम कमजोर नही जिन्हे हर वक्त दूसरो के सहारे जीने की आदत हो! कुछ ऐसा करो, कुछ ऐसा बदला

हिम्मत

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तकदीर कब साथ छोड दें अगर ये पहले मालूम पड जाए तो बुरे वक्त का सामना करना कितना आसान होता!  कभी -कभी तकदीर जिंदगी के सारे रास्ते बंद कर देती है जहां इंसान यह सोच नही पाता -क्या करना है?, कैसे करना है?, कैसे होगा?, क्या होगा? ऐसी सोच इंसान को परेशान करती रहती है! ऐसे में कुछ लोग खुदखुशी कर लेते है, कुछ खुद को बंद कर समाज से भागने की कोशिश करते है और ऐसे-ऐसे ऊँचे -नीचे काम कर लेते है जो उनकी जिंदगी को खत्म कर देती है! लेकिन कुछ ऐसे भी उदहारण है जिन्हे यह सब पता रहता है की उनकी जिंदगी मे अब कुछ नही बचा, जिनकी किस्मत भी उस वक्त पर साथ नही होती! वो कभी खुदखुशी नही करते, वो कभी खुद को समाज से दूर नही करते। जिस वक्त में अकसर अपने लोग भी साथ नही देते, फिर भी वो अकेले रह कर जिंदगी को अगले पल मे ले जाने की, अगले पल को जीने की कोशिश करते रहते है और ऐसा इसीलिये क्योकी उनमे " हिम्मत " होती है विपरित समय को झेलने की, वो मुश्किलों मे घबराते नही। वो जानते है -'वें आज   अगर कामयाब नही है इसका मतलब यह नही की कल भी वो कामयाब नही हो सकते'!     

बदलाव

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होने के लिए हर इंसान मे हर साल, हर, महिने, हर दिन, हर सेकेंड कुछ-न-कुछ बदलाव आता है! इंसान अपनी प्राथमिकताओ के कारण समय-समय पर बदलता रहता है! वो आज क्या है, किन लोगो के साथ है ये सब 2-3 महिने मे भूल जाता है क्योकी इंसान की प्राथमिकताएँ वक्त के साथ बदलती रहती है वो अपनो के लिए भी प्राथमिकताओ की वजह से बदलता रहता है! क्या हर साल, हर, महिने, हर दिन, हर सेकेंड हमे अपनी प्राथमिकताओ की वजह से खुद को औरों के लिए बदलना चाहिये??? नही!!! क्योकी हर एक दिन नया होता है, हर दिन कुछ-न-कुछ बदलेगा ही! लेकिन कुछ चीजे नही बदलती जैसे सूरज.... वो रोज की तरह हर सुबह उसी तेज के साथ उसी आकार मे पूरी दूनिया को प्रकाशित करता है वो कभी हमारे लिए नही बदलता! क्या उसकी प्राथमिकताएँ नही हो सकती?? प्राथमिकताएँ हर किसी की होती है उनके लिए हम खुद के लिए थोडा बदल सकते है लेकिन औरों के लिए नही!                     बदलाव इंसान मे ज़रूरी है क्योकी कभी -कभी परिस्थितियां ऐसी हो जाती है जहां इंसान को खुद को बदलना ही पड़ता है! लेकिन इंसान को कभी भी अपने आस- पास के करीबी लोगो के लिए नही बदलना चाहिये क्

ईमानदारी

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बचपन से एक शब्द बहुत सुना ईमानदारी! आखिर ये होती क्या है??? इसका ज़वाब खोजना बड़ा मुश्किल था! धीरे-धीरे जब दूनिया को जाना तो पता चला यहां लोग बेईमानी मे ज्यादा और ईमानदारी मे कम जीते है!  चाहे रिश्ते मे देखो, चाहे दोस्ती मे देखो या चाहे प्यार मे देखो हर जगह ज्यादा बेईमानी ही दिखती है! लेकिन इन सब के बाद भी कुछ लोग ऎसे है जिनकी वजह से ईमानदारी आज भी कही न कहीं जीवित है!! हाल ही की एक सच्ची घटना जहां ट्रैफिक की वजह से बसे रुकी थी एक बस से एक यात्री ने सडक किनारे खडे पानी बेचने वाले बच्चे से पानी की बोतल ली जिसके उसने 50 रू दिए पर बचे हुए 30 रू लेने से पहले बस चल पड़ी! वो बच्चा अपनी बाकी पानी की बोतल छोड के बस के पीछे क़रीब 1km तक भागा वो भी केवल 30 रू वापिस करने के लिए!!! मतलब एक 12 साल का बच्चा अपने धन्धे की परवाह किए बिना यात्री के 30 रू वापिस करने 1km भागता है! इससे बड़ी ईमानदारी का जवाब शायद ही कुछ हो सकता था!  इसी तरह दोस्ती मे भी कुछ दोस्त ऎसे होते है जिनकी ईमानदारी दोस्ती शब्द को और भी ऊंचा कर देती है! हर परिस्थितियों मे एक -दूसरे दोस्तों के साथ रहना, चा

बचपन

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बोलते थे झूठ फिर भी सच्चे थे हम, ये उन दिनों की बात है जनाब जब बच्चे थे हम! न जाने कितनो की गोद मे खेला और न जाने किस-किस से मिले थे हम, बिना बात के रोया करते थे, कोई जब खिलोना दे दें तो अपने आप खुश हो जाते थे हम !! जब रोते थे तो न जाने कितनो की बचकानी (बच्चो वाली हरकत) हरकतो से चुप होते थे हम, कोई हमारे लिए घोडा बनता तो कोई उम्र मे हमसे भी छोटा बन जाता था! न कुछ पाने की आशा थी और न कुछ खोने का गम था बस अपनी ही धुन मे हंसते-रोते थे हम!! याद है आज भी वो बचपन की अमीरी जब बारिश के पानी मे हमारे भी जहाज(नाव) चला करते थे! जहां चाहा वहां रोते थे, जहां चाहा वहां हंसते थे हम, अब मुस्कुराने के लिए तमीज चाहिये और रोने के लिए एकांत!  बचपन मे पता नही कितने दोस्त बनाए , कितनो के साथ खेला सब याद तो नही पर बहुत मजेदार थे वो दिन! हम दोस्तों के पास घडी नही थी पर हर किसी के पास समय हुआ करता था, आज सभी के पास घडी है पर समय किसी के पास नही!! अब तो बस फोटो मे ही दिखते है हम! 

विश्वास

कहते है सच्चे रिश्ते और सच्ची दोस्ती यूं ही नही पनपती उसमे धैर्य व् विश्वास होना ज़रूरी होता है! विश्वास उन्ही लोगो पर करना चाहिये जो विश्वास करने लायक हो, वरना विश्वास टूटने पर सारे संबंध भी शीशे की तरह टूट जाते है !! अकसर हम विश्वास उन लोगो पर करते है जिनसे हम सबसे ज्यादा बातें करते है, जो लोग हमारे बारें मे बहुत कुछ जानते है, जो हमे समझ सकते है, पर जब ऐसे लोगो से विश्वास टूटता है तो डर लगता है फिर किसी पर विश्वास कर पाना,  डर लगता है फिर से किसी को दोस्त बना पाना !! 😊 अगर कोई आप पर ऑख बंद करके सबसे ज्यादा विश्वास करता है तो उसका विश्वास तोड़कर उसे यह महसूस मत कराना की वो अंधा है! 😊 विश्वास होने के लिए एक छोटा शब्द है जिसे 1 सेकंड मे पढा जा सकता है,, लेकिन इसे साबित करने मे पूरी जिंदगी लग जाती है!! 😊

Positive and negative 😊

एक सवाल जो मुझसे कई बार पूछा गया... कि पॉजिटिव व् नेगिटिव बात क्या होती है ये पता कैसे चलता है कौन सी बात पॉजिटिव है और कौन सी नेगिटिव ???? जिसका ज़वाब कुछ ऐसा है -पॉजिटिव वो बातें होती है जो हमे सुनने मे सही लगती है और जो हमे जल्दी समझ आती है और नेगिटिव वो जो हमे सुनने मे सही नही लगती और जो हमारे अनुसार गलत होती है! कुल मिलाकर पॉजिटिव और नेगिटिव बात का पता सारे  लोग अपने -अपने अनुसार लगाते है! वास्तव मे ऐसा नही है कि जैसा हम सोचे वो सही हो क्योकि जब दस लोगो के सामने  कोई हमारे कडवें सच बोलता है तो अकसर वो बाते हम सुनना पसंद नही करते क्योकि वो बाते हमारे अनुसार नही होती उस समय ऐसी बाते हमे नेगिटिव ही लगती है, वो बातें सच होती है लेकिन लगती नेगिटीव है!! प्रायः नेगिटिव बातों मे ही बहुत सच छुपा रहता है! सब हम पर निर्भर करता है यदि हममे सच पहचानने की क्षमता है तो हम नेगिटिव बातों मे भी पॉजिटिव अर्थ निकाल सकते है! 😊 😊

सच हमेशा चुभता है झूठ नही!!

एक आलपिन जो बहुत सारे खुले काग़जो को जोड़कर रखने का काम करती है वो हर एक कागज़ को चुभती है!! इसी प्रकार जो व्यक्ति सभी को जोड़कर रखना चाहता है वह भी सभी की आँखों में चुभता है!! परन्तु ये बात हम कहां समझ सकते है हमारे पास कहां इतना समय है जो हम इतनी गहराई से किसी को समझे की कौन सा व्यक्ति हमे जोडना चाहता है और कौन सा बिखेरना!! इस कलयुग मे होने को झूठ बोल कर मन को मिठास देने वाली बाते करने वाले कई लोग मिल जायेगे पर सच बोलकर ( अलपिन की तरह )चुभने वाली बाते करने वाले बहुत कम !! बस एक बात याद रखियेगा सच हमेशा चुभता है झूठ नही!!   

सही व गलत व्यक्ति की पहचान

हर दिन हम कई लोगो से मिलते है! कुछ लोग गलत होकर भी सही होने का नाटक करते है और कुछ सही होकर भी गलत ही रह जाते है! असल मे गलती हमारी ही होती है, हम ही इस दिखावे मे फंस जाते है, हम ही नही पहचान पाते कि कौन सही और कौन गलत है! हमे अकसर वही सही लगता है, जो हमारा हर बुरे भले काम मे साथ दे, जो हमारी हर बात माने, जो हमारी बड़ी से बड़ी गलतियों को नजरअंदाज कर दें, जो हमारी हर वक्त तारीफें करे,, लेकिन सच तो ये है कि ये सारी बाते एक सही इंसान मे हो ही नही सकती!! एक भले इंसान ने कहा है-"बात-बात पर, बड़ी से बडी गलतियों पर भी बढावा देने वाला इंसान कभी आपको आगे बढते देख नही सकता, जो इंसान आपको हर काम मे निपुण बनाना चाहता है वो इंसान आपकी हर गलती पर आपको नीचा दिखाएगा "! 😊 बस इतनी सी बात अगर समझ ली जाए तो जीवन मे सही व गलत व्यक्ति की पहचान करना मुश्किल नही!! 😊

योजना

जीवन मे कोई भी काम बिना योजना के सफल हो ऐसा संभव होना मुश्किल होता है! बिना योजना के काम यदि करना भी चाहें तो उस काम मे इतनी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है जिससे सफल कार्य भी अंत मे असफल सा प्रतीत होता है क्योकी वह काम अकसर गिरते-मरते, धक्का-मुक्की, अधिक भागादौडी व आशान्त मन से पूर्ण होता है!! उदाहरण --यदि युद्ध मे कोई रणनीति न हो, कोई योजनाए न हो तो रणभूमि मे सैना का अधिक नाश होता है, योद्धा रण मे अधिक समय तक टिक नही पता फलस्वरुप जंग मे सैना को हार का सामना करना पड़ता है! 😊 उसी तरह क्रिकेट मैच मे यदि योजनाए न हो तो मैच हमेशा फंस जाता है फलस्वरुप या तो गिरते-मरते 1 या 2 रन या फिर 1विकेट से विजय मिलती है वरना बुरी तरह हार मिलती है परन्तु जब रणनीतियां बनी हो तो जीत का अंतराल ही कुछ अनोखा होता है!! दोनो उदाहरण को यदि जीवन से जोड़े तो हमे एक बात सीखने को ज़रूर मिलती है ---"हमे जीवन मे किसी भी बड़े काम को योजनाओं के साथ करना चाहिये जिससे काम खत्म होने के बाद चेहरे पर विजय की एक अलग ही चमक दिखे और अपनी जीत व योजनाओं पर हमें नाज़ हो!!

हकीकत बयान कर दें तो बुरे लगने लगते है!

आजकल सच तो मानों कहना ही अपराध है जिसने सच बोला तो अकसर दुनिया उसे नफरत के तराजु तौल लेती है! सब नही परन्तु कुछ लोगो मे सच सुनने का बिल्कुल भी धैर्यै नही होता.. जब - जब हम उनके सामने चुप रहकर सब कुछ बरदाश्त करके भी सच बयान नही करते तब - तब हम उन्हे अच्छे लगते है और अगर कभी हकीकत बयान कर दें तो उन्हे बुरे लगने लगते है! 😊 दोस्तों कभी भी हकीकत बयान करने मे पीछे मत रहना क्योकी चुप रहकर और सच छुपा कर अच्छी छवि बनाने से लाख गुना अच्छा सच बयान करके बुरी छवि मे रहना ही बेहतर है जिससे कम से कम आप अपनी नज़रों मे तो अच्छे  रहेंगे!! 😊

छोटी-छोटी ग़लतियाँ

पानी की छोटी-छोटी बूंदों से घडा भरता है, छोटी-छोटी ईंट से एक बड़ा घर बनता है, जीवन मे कुछ भी ज्यादा /बड़ा करना हो तो उसकी शुरुआत भी एक छोटे सिरे से या कम मात्रा से ही होती है! इतना तो खेर सभी लोग जानते है कि छोटी-छोटी ईंटों से एक बड़ा घर बनता है लेकिन जब छोटी-छोटी ग़लतियाँ करते है तो यह  कोई नही सोचता कि छोटी-छोटी ग़लतियाँ एक दिन बड़ी ग़लती को अंजाम दे सकती है!! यह सच ही तो है हम अपनी छोटी-छोटी ग़लतियों मे कभी ध्यान नही देते और अगर कोई हमारी ग़लतियों को बता भी तो हम अकसर जवाबी तौर पर कह देते है "छोटी-छोटी बात पर क्या गंभीर (serious) होना" लेकिन जब छोटी गलती एक बड़ा आकार ले लेती है तो उस समय ऐहसास होता है उन छोटी-छोटी ग़लतियों का जिन्हे हम शुरु से ही हल्के मे लेते थे! इसीलिये जिंदगी मे छोटी-छोटी गलतियो मे भी कभी-कभी ध्यान देना चाहिए क्योकी कब कोई छोटी ग़लती एक बड़ा स्वरुप धारण कर ले इसका आभास हमे तब होता है जब छोटी गलती बडी ग़लती मे बदल जाती है जिसकी रकम हमे बहुत कुछ खोकऱ चुकानी पड़ती है!!

बोलों वही जो कर सको!

इंसान अकसर रोज झूट बोलता है कभी कहता है में ऐसा करूंगा कभी कहता है में वैसा करूंगा पर करने को कुछ नही कर पाता सब मे नही पर हां ज्यादातर लोगो मे ये बात होती ही है कहने के लिए बड़ी बड़ी कहते हैं लेकिन अगर पूछा जाए की साहब आप तो कहते थे में ये करूंगा में वो करूंगा आखिर किया क्या आपने? उस वक्त बस उनका ज़वाब हमेशा बात टालने का होता है -हमे समय नही मिला, किसी ने मेरा साथ नही दिया"कुछ ऐसे ही ज़वाब उनके मुख से निकलते है! इसीलिये जो काम कर सको उसी के बारे मे सबके सामने बखान करो अन्यथा हम तो सोच लेते है की हमने अपनी बात पर पलटी मार भी ली और सामने वाले को पता भी नही चला लेकिन याद रहे  सामने खडा हर कोई बुद्धिहीन नही होता जो गलतियो को पकड न सके और आपकी हर बात पर आ जाए! 😊

नज़र का धोखा!

हम  प्रायः उन्हे सही समझते है जो हमारी सारी उम्मीदों पर खडे उतरते है और जो उम्मीद पर खडा नही हुआ उसे दूसरी नजरो से देखते है या फिर अपना विरोधी समझ लेते है! ऐसा ज़रूरी नही की हर वो व्यक्ति जो हमारी उम्मीद पर खडा उतरे वो सही ही हो... अकसर कुछ लोग अपनी उत्तम छवि बनाने के लिए हमारे सामने मीठी-मीठी /झूटी बातें कह कर हमे भ्रमित करने का प्रयत्न करते है और हम हो भी जाते है! 😊 क्योकी कुछ लोगो में एक अनोखी बात होती है  वो ये कि वह हर दूसरी जगह पर अपनी ही  बात पर बदल जाते है और अकसर अपनी ही बात भूल जाते है फिर कहते है हमने तो ऐसा कभी कहा ही नही! 😊 हमे भी तो ज्यादातर मीठी बातें ही बढिया लगती है जबकी यह भी हम सब जानते है कि प्रायः सच बात चुभती है, नीम के पत्तो की तरह कडवी होती है! इसीलिये जिस तरह नीम के कडवे पत्तो का रस सेहत के लिए लाभदायक होता है उसी प्रकार कडवा सच भी जीवन के लिए लाभदायक होता है जिससे हम "नजर के धोखे" से बच सकते है!! 😊

बेहतरीन दिनो के लिए लड़ना पड़ता है!!!

अगर बीता हुआ बुरा कल वर्तमान पर नकारात्मक प्रभाव डालने लगे,तो धैर्य के साथ अपने वर्तमान को सही बनाने  की अटूट कोशिश करें! क्योकी  दोस्तों कुछ सुनी-सुनाई बातें है - "बेहतरीन दिनो के  लिए हमेशा बुरे दिनो से लडना ही पड़ता है"! 😊

सत्य पराजित नही होता!!

आजकल लोग कडवा सच सुनने से अच्छा झूटी प्रशंसा सुनना पसंद करते है और अगर कोई सच सुना दे तो उसे हमेशा गलत समझते है! ये दुनिया है ही ऐसी यहां सच को नही झूट को गले लगाया जाता है!! हमेशा सत्य बोलने का प्रयत्न करें,  याद रखे "सत्य/सत्य बोलने वाला परेशान ज़रूर हो सकता है,लेकिन पराजित कभी नहीं" !!😊

कडवी बातों को गटक लेना चाहिये!

प्रायः हम कडवी दवा को चबाते नही सीधा गटक लेते है  ठीक इसीप्रकार जीवन में भी अपमान,असफलता और धोखे  जैसी कडवी बातो को सीधे गटक लेना चाहिए क्योकी उन्हें चबाते रहेंगे यानी याद करते रहेंगे तो जीवन कडवा ही होगा !😊

सही समय का इन्तजार

"पानी को कसकर पकड़ोगे तो वो हाथ से छुट जायेगा,उसे बहने दो वो अपना रास्ता खुद बना लेगा"!! कभी कभी जब परिस्थितियां समज में ना आये तो परिस्थितियों को शांत भाव व धैर्य से देखते रहिये सही समय आने पर परिस्थितियां अपने आप समझ मे आ जायेगी!! 😊😊

हम सबकी तरह और सब हमारी तरह नही होते!

जिंदगी मे हम सबकी तरह और सब हमारी तरह नही हो सकते,, आप बस वही करे जो आपकी खुद के लिये कल्पनाए है! करो खुद की पर सुनो सबकी,  क्योकि सबकी सुन कर ही सही  फैसले लिये जाते  है, और उन फैसलों से किसी काम को  खुद से करने की  प्रैरणा भी मिलती हैं!! 😊

लोग कहते रहते हैं!!

आप अच्छे काम करोगे तो लोग आपकी अच्छाई (तारीफ) करेंगे और बुरे काम करोगे तो बुराई करेंगे!  आप  बस अपना काम वेसे करें जैसे आप हैं अच्छा- बुरा तो लोग कहते रखते है क्योकी मानो या न मानो ये सच है की आप पहले खुद के लिए हो बाद मे किसी और के लिए! 😊😊

शान्त रहने वाले लोग कायर नही होते!

कुछ लोग हमेशा उन्हे ज्यादा तंग करते है जो हमेशा शान्त रहते है और कभी किसी से दुर्रव्याव्हाऱ नही करते , परन्तु ऐसा नही की उन्हे कभी गुस्सा नही आता, इतना तो सुना ही होगा ना कि तूफान के आने से पहले चाऱो ओर शान्ति ही रहती है इसीलिये धैर्यवान व्याक्ति के क्रोध से सदैव सावधान रहना उसके क्रोध होने पर विनाश तय है! 😊

सफलता या फिर शिक्षा

जिस व्यक्ति मे अकेले चलने का हौंसला होता है एक दिन उसके पीछे ही पूरा काफिला होता है! कहा जाए तो जिंदगी में अकेला रहना अपने आप मे बहुत बड़ा काम होता है, और अगर ये काम करना है तो जिंदगी की चुनौतियों को स्वीकरना सीख लो इससे या तो तुम्हे सफलता मिलेगी या फिर शिक्षा !!😊

अहंकार का पर्दा

जिसकी आँखों पर अहंकार का पर्दा पडा हो,उसे ना तो दूसरों के गुण दिखाई देते है और ना ही अपने अवगुणों का पता चलता है !!😊 कभी भी अपने काम पर , खुद पर अहंकार मत करना क्योकि जहा से अहंकार की शुरुआत होती है, वहीं से  ज्ञान  का पतन  शुरु हो जाता है!!!😊

सफ़ल व्यक्ति

एक सफल व्यक्ति कुछ पाने की इच्छा से प्रेरित होता है ना कि औरों को हारने की!!😊 जीवन मे दूसरो को गलत साबित करने से बेहतर खुद को सही साबित करने का प्रयास करो,, परिणाम  स्वरुप सफलता जरुर मिलेगी!! 😊

Backup plan

अगर ये लगने लगे की लक्ष्य हासिल नही होगा, तो लक्ष्य   को नही  अपने प्रयासो को बदले!!!!! इसीलिये जीवन मे हमेशा दो योजनाओं के साथ चलना चाहिए , अगर एक योजना विफल हुई तो  दूसरी योजना अवश्य ही लक्ष्य   हासिल कर लेगी!!!

अपना काम खुद करें

अपना काम दूसरों पर छोड़ना  भी एक तरह से दूसरे दिन(कल) पर काम टालने के समान ही है,ऐसे मे व्यक्ति का अवसर भी निकल जाता है और उसका काम भी कभी पूरा नहीं होता !!इसीलिये अपना काम सदैव खुद ही करना चाहिये ऐसा करने से आपके खुद के अनुभव बढेगे और आपके सारे काम समय से हो जायेगे!

हर एक की पसंद बढिया नही हो सकती!!!

अगर आपको कुछ लोग पसंद नहीं करते तो परेशान होने की कोई जरुरत नहीं है,! अब हर एक की पसंद बढ़िया तो हो नहीं सकती ना ! 😊 आप बस उन्ही लोगो को पसंद आओगे जो आपको समझते है,,  वरना दुनिया तो भगवान से भी परेशान है आप तो इंशान ही हो! 😊

सच्चा व्यक्ति कभी नही हारता!

जब सब कुछ आपके  विरोध मे हो, तो याद रखिये की हवाई जहाज भी  हवा के विरोध मे उड़ान  भरता है, उसके साथ नही,,, !! इसी प्रकार जीवन मे जब आप सही हो परन्तु सब लोग आपके विरोध कर रहे हो तो याद रखिये,  कि सच्चा व्यक्ति विरोध होने पर भयभीत नही होता, वो किसी भी विपरीत  परिस्थिति मे भी सही रास्ता निकाल ही लेता है!! 😊

खुद पर विश्वास

यदि तुम जो कर रहे हो उसमे विश्वास रखते हो तो,किसी भी चीज से अपने काम को  रुकने मत देना! ,दुनिया के ज्यादातर बेहेतरीन काम असंभव लगने के बावजूद किये गए है,ज़रूरी है की हम उन्हे  पूरा करें न की ये सोच के बैठ जाए की काम असंभव है नही हो  पाएगा! 😊😊

व्यवहार

जीवन में ऊँचा उठते समय सभी लोगों से अच्छा व्यवहार   करें ,,ये बात हमेशा याद रखना की कभी आप नीचे आये तो सामना उन्ही लोगो से करना होगा !!😊 क्योकी अच्छा और बुरा समय हर किसी का आता है अपना व्यवहार हर पारिस्थिति में सबके साथ समान रखना चाहिये  जिससे  दोनों परिस्थिति मे कोई परेशानी नही होगी! 😊

मेहनत

मेहनत !! आज के समय मे कोई किसी भी काम के लिए मेहनत नही करना चाहता, हर कोई किनारे मे  रह कर सब कुछ पाना चाहता है पर कोई कोशिश नही करना चाहता, तुम किसी के भले के लिए भी सोच लो तो भी वो आपकी बातों मे रूचि नही रखेगा पर सोचेगा की ये मेरा भला कर दे! मतलब चाह इंसान की आसमान छूने की है पर मेहनत छत छूने तक की नही करता! 😊 दोस्तों बिना संघर्ष के बिना मेहनत के कभी किसी को सफलता नही मिली! एक   कहावत है "कुआं कभी प्यासे के पास नही आता हमेशा प्यासे को ही कुएं के पास जाने की मेहनत करनी पड़ती है ", इसीलिये कभी भी आपको कोई कुआं यानी कोई ऐसा इंसान मिले जो आपके ज्ञान को बड़ा सकता है तो उससे ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्यासे की तरह मेहनत करना तभी कुछ पानी यानी ज्ञान की प्राप्ति हो पायेगी!!

All power within you

आज के समय मे ऐसा कोई नही जिसमें कोई कमी न हो, और ऐसा भी कोई नही जिसमें कोई सही बात न हो! सबमें एक न एक खूबी जरूर होती है लेकिन उसका पता बहुत कम ही लोगो को पता चलता है उन लोगो को अपनी कमी मे भी अपनी एक खूबी दिखती है वे लोग अपनी कमी को अपनी सबसे बड़ी ताक़त बना लेते है और कभी असफल नही होते! 😊 अकसर   हम उस इंसान से नफरत करते है जो हमारी कमियों को बार - बार बताता रहता है पर वो कही न कहीं  हमारी कमी बता कर हमे ही सुधारने का प्रयास करता  है! 😊 दोस्तों कभी भी उस इंसान से नफरत मत करना जो आपको आपकी कमी सीधा मुहं पर बताए क्योकी वो हमेशा आपकी खुद से पहचान करवाता है यह आभास करवाता है की सारी शक्ति आपके अंदर ही है आपको बस उनकी पहचान करनी है!!! 😊

Be a good Learner

कुछ लोग ऐसे होते है जो कभी किसी को खुद से ज्यादा समझदार नही समझते , भले ही कुछ ना आता हो पर फिर भी किसी के सामने झुकने से इतराते है! ऐसा नही की हमेशा हमको झुकना पड़े पर जब तक हमे कुछ ज्ञान न हो तब तक अपने से ज्यादा समझदार इंसान के सामने झुकना चाहिये, क्योकी अगर हम दस समझदार लोगो से एक-एक बात भी सीख लें तो हम अकेले दस अच्छी बातें जान लेंगे! और हम भी थोडे समझदार बन सकेंगे! 😊 इसीलिये हमे सीखना कभी नही छोडना चाहिये चाहै सीखाने वाला बड़ा हो या छोटा क्योकी सीखने से अपना ही ज्ञान बढता है किसी और का नही!! 😊😊